एक और शायद
Hello how are you all I am Mentor Yogi and today I am sharing you one of my strange journal as per a request from the last blog Journal Writing. So enjoy this and comment if you like the strangeness of this journal.
एक और शायद
शायद मैं अभी कुछ मिस कर गया, क्या था वो पता नहीं पर कुछ ज़रूरी था शायद कुछ ऐसा जो मेरी ज़िंदगी ही बदल देता। कभी -कभी दिमाग सब कुछ पाकर भी अधूरा सा महसूस करता है ऐसा लगता है मानो एक सनक सी है कुछ पाने की जो मिट नहीं रही है, कुछ तो खाली सा ज़रूर है ऐसा महसूस होता रहता है। पहले में सोचता था कि ऐसा केवल मेरे साथ ही होता है पर नहीं में अकेला नहीं हूँ ऐसा, शायद तुम भी ऐसे ही हो बस महसूस नहीं कर पा रहे हो या फिर जताने में शर्मा रहे हो। कुछ करते करते में कभी कभी खो सा जाता हूँ जैसे में हूँ ही नहीं या फिर मेरे अलावा और कोई है ही नहीं। ऐसा मेरे साथ अक्सर होता रहता है और वो भी बेवज़ह। मैं अक्सर आदमियों से पूछता हूँ कि क्या ऐसा उनके साथ भी होता है , पहले तो वो समझने में ही बड़ी मशक्कत कराते है , और फिर कहते है कि शायद हाँ जब कभी चीज़े एकदम से चौंका देती है तो शायद ऐसा होता है। लेकिन देखो मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं था और मेरे साथ ऐसा बेवहज ही हो रहा था। शायद में अलग हूँ या फिर अलग बन गया हूँ। कुछ भी हो है यह अजीब ही। ज़रा सोचो की आप कहीं जा रहे हो और अचानक से आप रुक जाओ ये सोचकर की आप कहाँ जा रहा जा रहा थे या फिर आप रुक जाओ ये सोचकर की आप ये काम क्यों कर रहा थे । जैसे अब में सोच रहा हूँ की में लिख क्यों रहा हूँ। हाँ , मुझे तो ये भी नहीं पता की में बातें किससे कर रहा हूँ , खुद से तुम से या फिर हवा में ऐसे ही।
मुझे कभी कभी ऐसा लगता है की में सब भूल जाउंगा एक दिन और फिर में आपसे पुछू की आप कौन है। नहीं यह केवल मेरा एक भ्रम है। में हमेशा वो ही सागर रहुँगा जो में हुआ करता हूँ हमेशा की तरह। वैसे बदलाव प्रकृति का नियम है और इसकी कोई गारंटी नहीं की कल में न बदलूँ पर अच्छी बात यह है की फिलहाल मेरे सब याद है ; यह शहर इसका प्रदूषण मास्क पहने लोग किसी से बचने के लिए , समय की लटकी तलवार जो शायद इतनी दूर नहीं है जितनी दिख रही है, भागती भीड़ दौड़ती ज़िन्दगी इत्यादि इत्यादि। शायद अब मुझे लग रहा है की भूल जाना ही अच्छा है इस दुनिया को। हाँ वो एकांत ही अच्छा है भले ही मेरे पास कुछ नहीं होगा पर शायद मेरे पास सब कुछ होगा। आशा करता हूँ की मुझे एक मौका मिलेगा इस दुनिया से दूर जाने का हाँ दूर बहुत दूर उस एकांत में जहां केवल में और सिर्फ में हूँगा। मुझे दोबरा लगा रहा है की कुछ छूट गया है शायद वो जो छूटा था वो में था। क्या में हूँ या नहीं हूँ ? मुझे शायद एक गहरी सास लेनी चाहिये ताकि मुझे पता चल सके इस सच का। मेरी तो आज़ सांसें भी धोखा दे रही है। शायद मुझे सो जाना चाहिये या फिर उठ जाना चाहिये क्योकि यह एक सपना भी हो सकता है। हाँ शायद .........
In fact this above writing have no meaning but still it is my starting writings that's why I love to share it here. We all are strange in some space of our life. But that doesn’t mean that we are abnormal or indifferent so it need not to panic if you are strange or different at some things, just enjoy it. I will meet you with some more interesting topic to discuss till then bye bye. Be happy and give a reason to others to be happy.



Shaayad mein abhi comment likh raha hoo
ReplyDeleteAur shaayad mein reply likh raha hoo
DeleteBadiya Bhai. ..👍👍 secret only secret....
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